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परमेश्वर को कैसे क्रोधित करें

परमेश्वर को कैसे क्रोधित करें

यहेजकेल 38



 

क्या आप जानना चाहते हैं कि परमेश्वर को सचमुच कैसे क्रोधित किया जाए? मेरा मतलब है, सचमुच, सचमुच क्रोधित – नाराज़ या निराश होने से कहीं ज़्यादा। ऐसा करने का तरीका  यह है कि: उसकी प्रजा इस्राएल का दुश्मन बन जाना, शाप देना, हमला करना। इस समय बहुत से लोग परमेश्वर को सचमुच क्रोधित कर रहे हैं।

मुझे कैसे पता चलेगा कि यही बात परमेश्वर को क्रोधित करती है? इस पद्य को पढ़ें: "और जिस दिन इस्राएल के देश पर गोग चढ़ाई करेगा, उसी दिन मेरी जलजलाहट मेरे मुख से प्रगट होगी, परमेश्वर यहोवा की यही वाणी है।" (यहेजकेल 38:18)। फिर भविष्यवाणी उन अंतिम दंडों का वर्णन करती है जो इस्राएल पर उनके हमलों के लिए गोग और उसके साथियों पर लाए जाएँगे।

इस्राएल के प्रति परमेश्वर का रवैया सबसे पहले उत्पत्ति 12 में दिखाया गया है, जहाँ परमेश्वर इस्राएल के पिता अब्राम से कहते हैं, "जो लोग तुम्हें आशीर्वाद देंगे, मैं उन्हें आशीर्वाद दूँगा, और जो लोग तुम्हें कोसेंगे, मैं उन्हें शाप दूँगा।" (उत्पत्ति 12:3)। तो परमेश्वर का रवैया दो तरह का है: जो लोग इस्राएल के विरुद्ध हैं, वे उसका प्रचंड क्रोध भड़काते हैं, लेकिन जो लोग उन्हें आशीर्वाद और सहारा देते हैं, वे उसका आशीर्वाद प्राप्त करते हैं।

निःसंदेह, हममें से कोई भी ब्रह्मांड के परमेश्वर के प्रचंड क्रोध का सामना नहीं करना चाहता। मैं इससे बदतर किसी चीज़ के बारे में सोच भी नहीं सकता। तो आइए हम भी वही रवैया अपनाएँ जो परमेश्वर अपने लोगों इस्राएल के प्रति रखता है। आइए हम उनके लिए प्रार्थना करें, उन्हें आशीर्वाद दें और उस आशीर्वाद के दिन की प्रतीक्षा करें जब उनका मसीहा इस्राएल और हमें बचाने आएगा।

हम आज और हर दिन यरूशलेम की शांति और यीशु की वापसी के लिए प्रार्थना करते हुए पाए जाएँ।


रॉबर्ट प्रिंस के "थिंक थिंग्स" से उद्धृत                                                                          हिंदी अनुवाद: अरविंद कुमार